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धान है,चरी है
हर तरफ घास है।
आओ कभी मेरे गांव
मेरा गांव खास है।
आलू है प्याज है
मटर की भी आस है।
नदी है नहर है
समय अब दोपहर है
जीवन का उल्लास है।
गाय हैं बैल है
रेत है खेत है
ज्ञान का निवास है।
बकरी है मुर्गे है
भँवरे हैं तितली हैं
नील गाय का प्रवास है।
बस है ट्रैक्टर है
मोटर है कार है
मोबाइल के टावर
भी खास हैं।
न लड़ाई है
न झगड़ा है
होती सदा शांति की
गुरुद्वारे में अरदास है !
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