
Share0 Bookmarks 65 Reads0 Likes
एक आम सा रस्ता कुछ जाना पहचाना है।
रोज़ वही आशिक, रोज़ वही दीवाना है।
......मुकेश बेलवाल
No posts
No posts
No posts
No posts
एक आम सा रस्ता कुछ जाना पहचाना है।
रोज़ वही आशिक, रोज़ वही दीवाना है।
......मुकेश बेलवाल
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments