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मुझे शामों सहर आये नज़र तेरा हसीं चेहरा
मेरे सारे ग़मों का मर्ज है ये आफ़रीं चेहरा
निगाहें शरबती तेरी लब ओ रुख़सार हैं जादू
शबाबों हुस्न से लबरेज़ है ये दिलनशीं चेहरा
नहीं लगता कोई चेहरा हसीं मुझको सिवा तेरे
मेरा दिल मोह लेता है सनम ये महज़बीं चेहरा
तुझे जितनी दफ़ा देखूं नही भरता है दिल मेरा
खुदाया है बड़ा प्यारा ये परियों सा हसीं चेहरा
मेरे हर साज़ में हर लफ्ज़ में आती तेरी खुशबू
मेरी नज़्में सजाता है तेरा ये गुलनशीं चेहरा
तुझे ही सोचता हूँ हर वक़्त अपने तस्स्वुर में
मुझे शायर बनाता है ये दिलकश शर्मगीं चेहरा
बहुत देखे बहुत ढूंढे जहां भर में हसीं चेहरे
मगर देखा नहीं मैंने तेरा जैसा कहीं चेहरा
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