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ये तो वहम है तेरा कि मैं उदास नहीं
तुझे मेरी तकलीफ़ों का एहसास नहीं
तू इलाज़ तो कर सकता है मेरा मगर
फिर भी मेरे बचने का कोई आस नहीं
तेरे छोड़ जाने से दिल उदास हुआ तो
पता लगा तेरे जितना कोई ख़ास नहीं
हमें भी शौक़ था पहले दिल्लगी का
अब इश्क़ करने की कोई प्यास नहीं
हम भी किसी के चांद हुआ करते थे
अब मुझे कोई चांदनी ही रास नहीं
• अंकित राज (#Ankswrites)
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