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ये तन्हाई का आलम हैं कुछ वक्त में गुज़र जायेगा
अभी जो हैं पास हमारे वो कुछ वक्त में दूर जायेगा
फिलहाल तो बादलों में हैं छिपा हुआ चांद मेरा
ये साया ए अब्र छटेंगे तो कुछ वक्त में नज़र आयेगा
अब के आना तो अपने दीवाने को छोड़ के न जाना
उसकी तो गिनती
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