Share0 Bookmarks 45212 Reads1 Likes
मेरी हर एक आदत से उस को शिकायत हैं
फिर भी दिल-ए-नादाँ को उसी की चाहत हैं
उस की यादों ने दस्तक दी हैं मेरी जेहन में
फिर से अपनी वहीं पागलों वाली हालत हैं
सदियों गुज़र गए बिछड़े हम दोनों को मगर
उसका मिलना जैसे कि कल कि ही बात हैं
मिलने का वक्त जब भी उसने मांगा हम से
कहा बस उससे कि वक्त हैं वक्त
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments