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वो मेरे घर नहीं आता हैं कभी भी पर
मैं उसके घर आता - जाता रहता हूं..
उन्हें इतनी फुरसत कहां कि वो हमें देखें
मैं ही हूं जो उन्हें मूड़ मूड़ कर तकता रहता हूं..
मुझे सोच समझ कर खोना मेरे चाहने वालों
मैं भी किसी को भला दुबारा कहां मिलता हूं ..
क्या सोच कर तुम ने मुझे ख़ुद से जुदा किया
तुम जानते थे कि तुम्हारे बगै़र में मर भी सकता हूं..
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