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कोई गिला नहीं हैं तुमसे

AnkswritesAnkswrites February 5, 2022
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तुम्हारी हर एक बात पर एतबार करता हूं मैं

हां अभी भी सिर्फ़ तुमसे प्यार करता हूं मैं




तुम मेरे मुक़द्दर में नहीं कि मिलो मुझे

अपनी सफ़ीना के तहरीर में साथ लिखता हूं मैं




अपने उल्फ़त के किस्सों से निकला नहीं हूं मैं,

तुम गुज़र गए हो लेकिन अभी भी वहीं हूं मैं..




मैंने चंद देर के लिए आँखें क्या बंद कि मरहूम समझ लिया

अरे आ के देख जाओ मेरे मुक़ाबिल अभी ज़िन्दा हूं मैं..




चलो अब जाओ भी कोई गिला नहीं हैं तुमसे

जो गलती मैंने गलती से कि उसके लिए मा'ज़रत चाहता हूं मैं..




काश तुमने जैसा था वैसे ही तसलीम कर लेती,

तुम्हारे लिए बदलते बदलते पता चल रहा हैं कि कौन हूं मैं.




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