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सोचता हूं कि इस होली कौन सा रंग लगाऊं तुम्हें
शायद सूरज सा केसरी या पीला रंग में रंग दूं तुम्हें..
जो चमकता रहे तेरे सुर्ख़ से इन गालों पर
और जो अंधियारा से बहुत दूर कर दे तुम्हें..
तुम्हारे छोटे छोटे सपने हैं उन्हें बड़े बड़े रास्ते मिले हैं
वैसे ही आसमां सा नीला रंग में रंग दूं तुम्हें..
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