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दिल की तस्कीं के खातिर तेरी तस्वीर देखता हूं में

AnkswritesAnkswrites June 20, 2022
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दिल की तस्कीं के खातिर तेरी तस्वीर देखता हूं में

ख़ुद ही किया था वफ़ा तुझ से ख़ुद ही पशेमांँ हूं में


नशात-ए-मोहब्बत न मिला बा'द-अज़-मर्ग सुकून मिले

कुछ तो बोल सुकून-ए-रिफ़ाक़त से न विदा चाहता हूं में


मुझे सर -ब -सर तेरा होने की चाह हैं शोख़ सितमगर

अपना बना के रख ले मुझे या चाहता तुझसे नज़ात हूं में


दीदा-ए-नम भी देख तुम्हें अहवाल-ए-दिल पता न लगा

जानी क्यूं कद्र होगी हमारी तुम्हारे लिए तो ग़नीमत हूं में


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