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चुन लिया जबसे ठिकाना दिल का
खूब मौसम है सुहाना दिल का

सांस लेना भी हो गया मुश्किल
खेल समझे थे लगाना दिल का

कैसे करते न नाम पर तेरे
मुस्कुराहट है या बयाना दिल का

थक गई है उनींदे रस्तों से

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