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“तुमसे इतनी मोहब्बत करेगें”
रज़ा ग़र हो तेरी, अता हम करेगें
हर पल नज़राना पेश करेगें
इश्क़ को भी पशेमान करेगें
तुमसे इतनी मोहब्बत करेगें।
चाहे रखना हमें चिलमन में अपने
या छुपा लेना दामन में
गिरफ़्तार कर ही लेना बाहों में
ख़िदमत में तेरी खुद को रखेगें
तुमसे इतनी मोहब्बत करेगें।
नज़रबंद रखना या आज़ाद मुझे
तासीर बस तेरी हम रखेगें
डोर एक दिल से जोड़ देंगें
उलझनें कभी आने ना देंगें
तुमसे इतनी मोहब्बत करेगें।
रास्तों पर पैर तुम्हें रखने ना देंगें
ख़ुद को ग़लीचा बना देंगें
रख दरमियाँ मेरी रूह का पर्दा
शम्स को तुम्हें छूने ना
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