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“शिकायत किससे करें”

Lalit SarswatLalit Sarswat November 18, 2022
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शिकायत किससे करें


जब डोर जोड़ ली दिल से दिल की

परवाह किसी और की आख़िर क्यूँ करें,

साथ भले छोड़ दे ज़माना हमारा

तुमसे दूरी की परवाह हम क्यूँ करें,

है मालूम कितने अज़ीज़ हो हमारे लिए

फिर ज़िंदगी से इतना प्यार अब क्यूँ करें,

मनानाशरमानाया दफ़्न हो जाना,

तुम्हारे अलावा यह शिकायत किससे करें।


जब तस्वीर छुपा रखी है तेरी दिल में

अब तुम्हें भूल जाने की वज़ह क्या रखें,

बेलगाम हो रहा अब यह इश्क़ मेरा

तुमसे दूर रहने की हिमाक़त कैसे करें,

मेरे लहू का हर कतरा तेरा नाम लिखे

ऐसी मोहब्बत को क़ैद अब कैसे करें,

दूरीअश्क़रंजतड़प मेरी रूह की

तुम्हारे अलावा यह शिकायत किससे करें। 


तस्सवुर रहता अब ख़्यालों में बस तेरा

अकेलेपन से ख़ामख़ा अब क्यूँ डरें,

मालूम है तेरी राहें मेरी और चली आती है

तुमसे बिछड़ने का ग़म अब क्यूँ करें,

तक़दीर जोड़ ली तुमसे ना जाने कब से

अब तक़दीर के हवाले ख़ुद को कैसे करें,

ज़िल्लततोहमतज़माने के असलहा 

तुम्हारे अलावा यह शिकायत किससे करें।


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