
Share0 Bookmarks 30 Reads1 Likes
राज़ मेरे है बहुत जो दफन यादों की कब्र में है
ढूंढ रहा इश्क़ जालिम में दिल जो अभी सब्र में है
टूट चुका हूँ हर जगह से फिर भी आशिक़ी नब्ज में है
राज़ मेरे है बहुत जो दफन यादों की कब्र में है
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments