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नजारा कुछ युं ही ना था देखा मैने !!!

LALBAHADURLALBAHADUR April 5, 2022
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नजारा कुछ युं ही ना था देखा मैने !!!
बहारो के घटाओं मे चलती फिज़ायें, 
पत्ती से मचलती खेलती जायें, 
डलीयां यूं आपस मे लड़ती जायें, 
पेड़ हिलता जाए जौं इन्सान,
नजारा कुछ युं ही ना था देखा मैने !!!

किनारे लगी थी दलदली सी नमीयें, 
नमी पे उभरी थी गुदलीयों की हरीयालीयों,
हरीयालीयों से झगड़ती चुसती

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