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मेरी प्यारी सी लल्ली, मुस्कुराती खाती उंगली !
तेरी हथेलियों पर लग जाती हैं बहुत सारी ओस !!
आओ मैं तुम्हें गीत सुनाऊं, तुम फूलों सा इतराना !
जब मैं तुमसे लोरी कहूं, तब तुम हल्का सा मुस्काना !!
आओ बेटी मैं तुम्हें अपने दोस्त अपनों से मिलाता हूं ! चलो मैं तुम्हें दुश्मनों परायो से मिलाता हूं !!
तू एक नन्हीं सी तितली है !
तू इन हवाओं में, फिजाओं मैं मचलती है !!
कभी तू अपने सचिन चाचू के सिर पर,
तो कभी गुलाब के फूल पर चढ जाती है !
कभी तू गेहूं के रस को
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