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दर्द है आग है पानी न पिलाया जाए ।
यह चढ़ती जवानी है जवानी से मिलाया जाए ।
ख़्वाब सीने में हैं मसगूल आंख रोती है ।
चाॅंदनी रात है इसे चाॅंद दिलाया जाए ।
रोज रोता है यह तन्हा मुसाफिर यारो ।
इसे मेरी बज़्म-ए-सुखन में लाया जाए ।
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