चलने दो " सज़दा " इश्क़ का सिलसिला's image
Love PoetryPoetry1 min read

चलने दो " सज़दा " इश्क़ का सिलसिला

LALBAHADURLALBAHADUR January 23, 2022
Share0 Bookmarks 31596 Reads0 Likes

चलने दो " सज़दा " .... सिलसिला दिल्लगी का

इश्क़ ,, कोई मन्नत नहीं ,, जो मुकम्मल हो जाए ...


मैं तिनक

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts