
Share0 Bookmarks 0 Reads0 Likes
मैं और तुम्हारे लिये मेरी भावनायें,
दोनों के साक्षी ईश्वर और इसके अलावा ,
कोई क्या समझता ये मायने नहीं रखता यहाँ तक कि तुम्हारी सोच भी ..जब
दोनों के साक्षी ईश्वर और इसके अलावा ,
कोई क्या समझता ये मायने नहीं रखता यहाँ तक कि तुम्हारी सोच भी ..जब
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments