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जो कुछ भी हमें प्रकृति से मिलता वो अंत में अपने मूल रूप वापस प्रकृति के पास पहुंच जाता ..मानव भी पंच तत्व से निर्मित अंत में वो भी इन पंचतत्त्व में विलीन हो जाता ..कितना सहज लगता ये सब पढ़ने लिखने औऱ सुनने में पर मानव जीवन के जन्म और मरण के बीच कितनी पारियां, कितने किरदार हर किरदार के साथ अलग रिश्ता अलग लगाव और हर एक के अलग मायने ..कितना सहज हो जाता जीवन ,जाने वाले हर याद अपनी अपने साथ ले जातें अगर ......लक्ष्मी
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