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जब तक बनना ब्रांड नहीं
तब तक करना बंद नहीं
चाहे जितना पा लेना
लालच और घमंड नहीं
हनुमान सुग्रीव मिलेंगे
पथ हमको चलना होगा
सागर जैसे लहरें
सूरज जैसे तपना होगा
बस कसमें मन में मत लाना
रस्म निभाना रण की
जीत तुम्हारी
तब तक करना बंद नहीं
चाहे जितना पा लेना
लालच और घमंड नहीं
हनुमान सुग्रीव मिलेंगे
पथ हमको चलना होगा
सागर जैसे लहरें
सूरज जैसे तपना होगा
बस कसमें मन में मत लाना
रस्म निभाना रण की
जीत तुम्हारी
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