Share0 Bookmarks 43179 Reads2 Likes
मन बैचैन
भीगे मेरे नयन
बही कविता
भीतर क्रोध
बाहर विडम्बना
लिखी कविता
प्रश्नों का दौर
समस्याओं
No posts
No posts
No posts
No posts
मन बैचैन
भीगे मेरे नयन
बही कविता
भीतर क्रोध
बाहर विडम्बना
लिखी कविता
प्रश्नों का दौर
समस्याओं
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments