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|| प्रतीक्षा ||
लौट आएगी
उदास दिन
मुस्काता चाँद
अनमने से रास्ते
बेरंग पहाड़, फूलों की गंध
उनका प्रियतम मौसम
मान-मर्यादा
शान-ओ-शौकत
हवाओं में सुरूर
शहर में बारिश
दरिया में उनके फेंके हुए पत्थर
लौट आएगी,
नींद और उबासी
नादानियाँ, बचकानी हठ
उपहार और ख़त
हाथों की छुअन
माथे की चुम्बन
बिंदी, पायल, चूड़ी
उनके सारे श्रृंगार लौट आएगी
एक क्षण के लिए ही
उनके पास लौट आएगी
मेरे साथ गुज़ारा हुआ समय
नहीं लौट पाती
किसी के प्रतीक्षा में
आँखों से सूखे हुए आँसू
― कुन्दन चौधरी
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