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ये तेरी आंखे नहीं, ये मेरा आईना

शिव कुमार खरवारशिव कुमार खरवार October 31, 2022
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ये तेरी आंखे नहीं, ये मेरा आईना 
ये तेरी आंखे नहीं, ये मेरा आईना है
जिससे खुद को रूबरूह होने से रोक नही पाता हूँ 
तू कही दूर खड़ी होके मुस्कुराती है
और मैं तेरी मुस्कुराहट को ही देख खुश

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