ज़िंदगी तुझसे निबाह, कब तक करेंगे हम
यूं ही तेरा ख्याल, कब तक करेंगे हम I
और तेरे जाने ग़म तो है इलाही मग़र
दिनों-दिन ये मलाल, कब तक करेंगे हम I
कुछ ना हो कर भी, कुछ तो था हमारे दरमियान
जुदा क्यु हुए ये सवाल, कब तक करेंगे हम I
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