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यात्री सा खड़ा हूँ,
मैं उस चौराहे पर,,
राहों का बंदोबस्त,
जहाँ तेरी "निगाह" करती हैं!
:-कुलदीप दिक्षित
मैं उस चौराहे पर,,
राहों का बंदोबस्त,
जहाँ तेरी "निगाह" करती हैं!
:-कुलदीप दिक्षित
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