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किसी भी परेशानी का हल
बातचीत से निकले तो अछा
वरना चौपाल पर बैठकर
चलती रहेंगी बस चर्चा
भूक्तभोगी तो बेचारा
भूगतता ही रहता है
उसके मेहनत कि कमाई का
बेमतलब ही होता है खर्चा
पंचो का क्या जाता है
उन्हे तो बस आना है
चाय कि चुस्की लेकर
चर्चा को आगे बढाना है
सिर्फ चौपाल कि बात नही
हर तरफ यही कहानी है
कहनेवालों कि सूननी नही
बस अपनी ही सुनानी है
एकदिन छप जाता है भाई
गरीब कि मौत का परचा
उसकी मौत के नाम पर भी
हरदिन चलती रहती है चर्चा
गजेन्द्र कूडमाते
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