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ये दुनिया है समझना पड़ता है
जख्म छुपाकर मुस्कुराना पड़ता हैं
चोट जब लख्ते जिगर देते हैं
ठोकरें खा कर संभलना पड़ता है
ये आंसू गिर पड़ा ज़मीन पर तो क्या
ह
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ये दुनिया है समझना पड़ता है
जख्म छुपाकर मुस्कुराना पड़ता हैं
चोट जब लख्ते जिगर देते हैं
ठोकरें खा कर संभलना पड़ता है
ये आंसू गिर पड़ा ज़मीन पर तो क्या
ह
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