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मेरे सीने में आज हलचल सा क्यों हैं।।
ये दिल उस के लिए परेशान सा क्यों हैं ।।
वो शख्स अब नहीं है तेरा यकीन कर।।
किसी और का हैं वो तू हैरान सा क्यों हैं ।।
उसने सिर्फ़ मोहब्बत ही तो सिखाया हैं ।।
फिर मुझपर उनका अहशान सा क्यों है ।।
"कायम" छू कर तुझे पत्थर से मोम कर दिया ।।
तुझ में जान आ गई अब बे–जान सा क्यों हैं ।।
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