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मेरे पास गम है इसके सिवा कुछ नहीं
हर तरफ हम है इसके सिवा कुछ नहीं
एक दरो-दीवार से लग कर रो रहा हूं
मेरी आंखे नम है इसके सिवा कुछ नहीं
दुनिया समझती है ग़ज़ल कार हूं मैं
मेरे पास नज़्म है इसके सिवा कुछ नहीं
हर एक सख्स दिखावे में दिख रहा है
ये दुनिया एक रश्म है इसके सिवा कुछ नहीं
कोई समझे मुझे तो उसे बताऊं मै की
ये दुनिया "कयाम" है इसके सिवा कुछ नहीं
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