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अब गम है न कोई खुशी देने वाला
हमि हम है और कौन होने वाला
अपना तो अलग अंदाज़ है बिन पिए
खुद का घर तबाह कर देता है पीने वाला
इस जहां को जागीर समझते हैं लोग
ज़रा सोचो मर के साथ क्या जाने वाला
हम एक किस्सा है लोगो के जुबां पे
फिर ये मेरा किरदार है कौन निभाने वाला
ज़रा पता करो दुशमनों के महफ़िल में
अपने कितने है उनके साथ जाने वाला
चलते राह का मुसाफ़िर ठहर सा गया
ऐसे ही चलते हुए मंजिल नहीं पाने वाला
तीश्रा होते हुए भी चल रहा हूं राह में
दरिया चल कर मेरे पास नहीं आने वाला।
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