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कुछ शब्द है

Krutik GohelKrutik Gohel March 27, 2023
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कुछ शब्द है कुछ पन्ने
और कुछ है किताब,

कहने को साथ हे
मगर टूटा है मेरा ख्वाब,

देखे तो नम नही है आंखे
सुख चुका हे आब,

जलने को नहीं रहा कुछ
सिर्फ बची हे राख ,

सामने हे धुंधला सा मंजर
और हाथ में शराब,

कुछ शब्द है कुछ पन्ने
और कुछ है किताब।

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