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तेरे नन्हे कदम पढ़ते ही
जैसे खुशिया बिखर गयी घर में
हम सब की ज़िन्दगी तब से
तेरे नाम ही हो गयी जैसे
खुश किस्मत है हम
की तू आँगन हमारी आया
तेरे प्यार की खुशबू ने
हमारी ज़िन्दगी को महकाया
अब तो बस यही इल्तेज़ा है रब से
की यह रिश्ता कभी न टूटे
लग जाए उम्र मेरी भी तुझे
और तेरा साथ कभी न छूटे.
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