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तुम्हारी याद आती है, तुम्हारी याद आती है |
जीना याद के बिन तुम्हारी याद आती है | |
नहीं है चाँद में भी नूर, फूलों में नहीं खुशबू |
जो जीने ना दे वो खुशबू, तुम्हारी याद आती है ||
भरी महफ़िल लगे सूनी, सूनापन है चिल्लाता |
क्या यह प्यार ही है, जो तुम्हारी याद आती है ||
हर रंग है फीका, न ही रंगत है रंगों में |
न चढ़ने दे कोई भी रंग, तुम्हारी याद आती है | |
नहीं दिन में है कोई दिन, जो भूला हो कभी तुमको |
लगे यहाँ हर गली सूनी, तुम्हारी याद आती है | |
लिखे जब भी कलम तुमको पूरा नहीं लिखती |
कुछ तो छोड़ देती है तुम्हारी याद आती है | |
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