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नाही छूए कोई नाही देखे तुझे,
तेरी हर-इक कहानी मेरे संग हो |
तुझसे मिलने की करता रहूँ कोशिशें,
हम दोनों का बस-इक यही ढंग हो |
आँखों की दीद से एक हो जायें हम,
फिर तेरे रंग मैं तू मेरे रंग हो |
नाही छूए कोई नाही देखे तुझे.....
मिलें सातो जनम एक-दूजे को हम,
नहीं मिलना हमारा कभी भंग हो |
कभी ना हो खतम प्रेम की साधना,
नाही इस प्यार का ही कभी अंत हो |
नाही छूए कोई ना ही देखे तुझे.....
तेरी यादें बिछी वक्त की सेज पर,
गर्म साँसें इन्हें गुनगुनाती रहें |
उठना चाहूँ मगर वो अदायें तेरी,
दे दे थपकी मुझे सहलाती रहें |
नाही छूए कोई ना ही देखे तुझे.....
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