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समुद्र की गहराई तो कम है,
मैं तो तुम्हारी आंखों में डूब जाऊ,..
ये कौन सी लहरें हैं,
मैं तो तुम्हारी ज़ुल्फों के लहरों में उलझ जाऊ।
खोने के लिए तो ये जमीं कम है,
मैं तो तुम्हारी छोटी सी यादो की गलियारे में खो जाऊ,
ये रास्ते कैसे खो देगा मुझे,
मैं तो तुम्हारी सादगी के कोने में दफन हो जाऊ।
साल तो कम है जीने के लिए,
मैं तो तुम्हारे साथ एक पल में अपनी पूरी जिंदगी जी जाउ,
ये राते कैसे जगायेंगे मुझे,
मैं तो तुम्हे अपने सपनों में सजाकर,सारी उम्र सो जाउ।
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