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ज़िन्दगी रुख़ पर जो तेरे छाई है यह ख़ामुशी
आ इसे मैं चीर दूँ पाज़ेब की झंकार से
-किरण के.
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ज़िन्दगी रुख़ पर जो तेरे छाई है यह ख़ामुशी
आ इसे मैं चीर दूँ पाज़ेब की झंकार से
-किरण के.
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