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नवम्बर की रेशमी धूप
खिड़की से आकर
मेरे झुमके से छनती हुई
हर सू बिखर गई है
और ये बाद-ए-सबा
सर्द मौसम के आमद का
पैग़ाम लिए आई है
नवम्बर की भीगी सी महक
और इस गुलाबी ठंडी का
ये रूमानी नवम्बर...
बार बार मेरे दिल में
एक ही ख़्याल आता है
काश मेरे कैलेंडर में
बारह नवम्बर होते..!!
-किरण के.
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