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गीता के पावन श्लोक औऱ
कुरआन की मुक़द्दस
आयतों की तरह..
तुम्हारा हर लफ्ज़ अपनी
पलकों पर रखा मैंने,
तुम्हारे जाने के बाद
उन सारे लफ़्ज़ों की
मैंने नज्में बना ली..
तुम्हारे जज़्बात और
एहसासों की खनक
अब नज्में बन मेरी साँसों में
खनकती है...!!
-किरण के. ✍
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