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प्रिय पानी,
तुम ख़ामुशी से बहतें रहना ,
दूर तलक फैलते रहना,
हँसतें रहना तुम,
मुस्कुराते रहना तुम,
मुझकों आवाज़ें देतें रहना तुम,
तुम ख़ामुशी से बस बहतें रहना,
क्योंकि तुम्हारें बगैर जीवन
की कोई कल्पना नहीं है
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