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कविता: स्मृति
कवि: जोत्सना जरीक
.
यह शोर का दिन है
चुप कैसे हो
आम बरगद अंजीर के पेड़ की पंक्ति ने बताई कहानी
.
तालाब के किनारे बोकुल के फूल
पानी में कैसे कूदें
बत्तखों के साथ खेलना
तीन सिर वाली दादी
वो भी दिखाता है...
.
मैं लंबे समय से उनके पास नहीं आया हूं
हमारे बीच बहुत बातें होती हैं
मेरे पास है और वे भी
हमारे धान के खेतों में अलपथ
उस सड़क पर पड़ी घास
बिल्कुल मेरी तरह रास्ता खोज रहा है
.
हमारा खुला खेल का मैदान
जहां रखा और लिखा
आकाश कुसुम कहानी
वो कहानी मुझे कितनी बार बुलाती है
मैं भी फोन करता हूं।
.
[एनबी-
1. बकुल का फूल बंगाली अच्छा फूल है।
2. दादी दादी हैं।
3. अलपथ धान के दो खेतों के बीच का रास्ता है।
यह भी सीमा रेखा है।
4. आकाश कुसुम बंगाली कहावत है।
इसका अर्थ है भ्रम/कल्पना। ]
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