उसने कोई बात समझाई ना थी
अक़्ल मुझको इस लिए आई ना थी
फासला तो कर दिया हालात ने
उसके मेरे दरमियाँ खाई ना थी
नकहतें क्यों हैं फज़ा में इस क़दर
आपने जब ज़ुल्फ लहराई ना थी
दिल बहुत बेचैन था बेताब था
याद-ए-जानाँ जब तलक आई ना थी
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