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अदावत कर तो सकती है मिरी तदबीर के टुकड़े
मगर मुश्किल है कर पाना मिरी तक़दीर के टुकड़े
तअल्लुक़ टूट सकता है निगाहों का निगाहों से
तसव्वुर में मगर होते नहीं तस्वीर के टुकड़े
वफा होंटों पे रख दी और जफ़ा फ़ितरत के दामन में
मुसव्विर ही ने कर डाले मिरी तस्वीर के टुकड़े
ख़ुदी के ज़ोम में आकर ख़िरद वालों ने कर डाले
तिरी पाज़ेब के टुकड़े मिरी ज़ंजीर के टुकड़े
कभी ख़िलवत में होता हूं तो ये महसूस होता है
मिरे पैरों की लग़ज़िश ने किए तौक़ीर के टुकड़े
लबों से ख़त मिरा चूमा, लिया दस्ते हिनाई में
न कर पाए वो मेरे शौक़ की तहरीर के टुकड़े
बहस का कोई उनवां हो तो मुमकिन है के हो जाएं
सवालों से तो मुमकिन ही नहीं तक़रीर के टुकड़े
बड़ा ज़िद्दी वो बादल है हवाओ तुम उसे रोको
वो कर देगा चमकते चाँद की तनवीर के टुकड़े
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