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जिस चीज़ से मेरा इन्तिख़ाब रहता है, उसी चीज ने आगे का रास्ता दिखाया।
खुद की पहचान छोड़कर, अँधेरे में भी - इस नए शहर ने मुझे सब कुछ बताया।
-केतन आपटे
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