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जहां राह में भ्रम ही भ्रम हो
मुझको नहीं वहां है जाना
मैंने सीखा सहज प्रेम से
जीना सबको गले लगाना
मेरी खुशियां सीधी सादी
मुस्कान भरी सी आशावादी
मेरा दर्शन पानी जैसा
जैसा मन बस दिखता वैसा
राग द्वेष के भ्रमर जाल में
जीवन छोटा मत उलझाना
मैंने सीखा सहज प्रेम से
जीना सबको गले लगाना
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