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लोगों ने तुम्हें राम कहा
मुझे सीता और बने रहे
रावण ,केकई और शूर्पणखा
समय गया जब राम रहा था पिसता
पिता खोया , मां के लिए रोया
तब भी निभाया रिश्ता
अब तो रावण हैं बहुतेरे
राम मिला न छोड़ेंगे
खूब छलेंगे जी भर कर
फ़िर पीठ पर वार करेंगे
मत सहना अन्याय
तुम शैतानों के लिए
अर्जुन बनना
मैं शक्ति बनूंगी
नहीं बनूंगी सीता
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