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रुकावटों का पहाड़ था,मगर मुझे आगे दिखता संसार था
ख़ामोशियाँ हो या शोर,मैं दस्तक देने जाता बार-बार था
वक़्त वो ऐसा ही था, ब
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रुकावटों का पहाड़ था,मगर मुझे आगे दिखता संसार था
ख़ामोशियाँ हो या शोर,मैं दस्तक देने जाता बार-बार था
वक़्त वो ऐसा ही था, ब
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