
Share0 Bookmarks 2960 Reads0 Likes
हुस्न के समझने को उम्र चाहिए जानाँ
दो घड़ी की चाहत में लड़कियाँ नहीं खुलतीं
तुम्हारी आँखों की तौहीन है ज़रा सोचो
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है
उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा
आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा
आइना देख के कहते हैं सँवरने वाले
आज बे-मौत मरेंगे मिरे मरने वाले
न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से
मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments