शशिभूषण द्विवेदी के आकस्मिक निधन से साहित्य जगत में शोक's image
2 min read

शशिभूषण द्विवेदी के आकस्मिक निधन से साहित्य जगत में शोक

KavishalaKavishala June 16, 2020
Share0 Bookmarks 430 Reads0 Likes

लोकप्रिय कथाकार शशिभूषण द्विवेदी के आकस्मिक निधन से साहित्य जगत में शोक फैला हुआ है. शशिभूषण द्विवेदी ने एक बूढ़े की मौत', 'कहीं कुछ नहीं', 'खेल', 'खिड़की', 'छुट्टी का दिन' और 'ब्रह्महत्या' जैसी कहानियों से हिंदी कथा साहित्य को समृद्ध किया है. शशिभूषण द्विवेदी जी के पारिवारिक मित्र और युवा कवि अविनाश मिश्र ने मीडिया के साथ जानकारी साझा करते हुए बताया कि  करीब शाम छह बजे 45 वर्षीय शशि जी का निधन हृदय गति रुक जाने के कारण हुआ।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शशि पूरी तरह स्वस्थ थे, सक्रिय भी थे। हालांकि पहले वे लंबे समय तक बीमार थे लेकिन इधर वे पूरी तरह से स्वस्थ्य और सामान्य जीवन जी रहे थे। ज्ञात हो कि शशि जी का दो साल पहले ही कथा संग्रह 'कहीं कुछ नहीं' राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हुआ था. 26 जुलाई 1975 को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में जन्मे शशिभूषण द्विवेदी की कहानी की कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। हिंदी कथा साहित्य में उनके योगदान के लिए उन्हें 'ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार', 'सहारा समय कथा चयन पुरस्कार', और 'कथाक्रम कहानी पुरस्कार' से नवाजा जा चुका है।

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts