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जितनी बुरी कही जाती है उतनी बुरी नहीं है दुनिया - निदा फ़ाज़ली | Kavishala
November 14, 2022Share0 Bookmarks 37713 Reads1 Likes
जितनी बुरी कही जाती है उतनी बुरी नहीं है दुनिया
बच्चों के स्कूल में शायद तुम से मिली नहीं है दुनिया
चार घरों के एक मोहल्ले के बाहर भी है आबादी
जैसी तुम्हें दिखाई दी है सब की वही नहीं है दुनिया
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